कोटा चंबल रिवर फ्रंट के 22 घाट : बताएंगे आपका भविष्य और 4 World Records

 कोटा राजस्थान की Coaching city के तौर पर पहचानी जाती है। देशभर से लाखों छात्र हर साल कोटा अपना भविष्य संवारने के लिए आते हैं। लेकिन अब राजस्थान सरकार कोटा को एक Brand New पहचान दिला रही है। कोटा में चंबल नदी के किनारे करोड़ों रुपयों की लागत से 'चंबल रिवर फ्रंट' का निर्माण किया गया है, जो सिर्फ राजस्थान की विरासत ही नहीं बल्कि कई World Records भी बना रही है।



इसे अगर दुनिया का अजूबा कहा जाए तो वह कहना गलत नहीं होगा। चंबल रिवर फ्रंट का उद्धाटन 12 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करने वाले थे, लेकिन अचानक कुछ कारणों से उनका दौरा रद्द हो गया। मुख्यमंत्री इसका उद्धाटन 13 सितंबर को किये ।

आइए चंबल रिवर फ्रंट की खासियतों से रू-ब-रू करवाते हैं :

Coaching नहीं Tourism सिटी की मिल रही पहचान


कोटा, जिसे अब तक देश की कोचिंग नगरी ही कहा जाता था, को चंबल रिवर फ्रंट अब टूरिज्म सिटी की नयी पहचान दिला रही है। शानदार आर्किटेक्चर और कुछ विश्व रिकॉर्ड इसे काफी खास बना रहे हैं। कोटा चंबल रिवर फ्रंट को बनाने का काम 17 जून 2020 को शुरू हुआ था और 10 सितंबर 2023 को यह बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार चंबल रिवर फ्रंट को बनाने में 1,445 करोड़ रुपये की लागत आयी है, जिसमें से कुछ हिस्सा केंद्र सरकार और कुछ हिस्सा राज्य सरकार का है। चंबल रिवर फ्रंट को 6 किमी की लंबाई में तैयार किया गया है जिसमें लगभग 22 घाट हैं।

क्यों बनाया गया रिवर फ्रंट




कोटा में चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तो किया ही गया है, इसके साथ ही इसे बनाने के और भी कई कारण हैं। चंबल रिवर फ्रंट के बन जाने के बाद सबसे ज्यादा स्थानीय लोगों को होगी। उन्हें अब बाढ़ की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस रिवर फ्रंट पर कुल 22 घाट बनाएं गये हैं जो बाढ़ से कोटा को बचाने का काम करेगी। इसके अलावा कोटा शहर से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे जमीन के अंदर पहुंचाकर नदी को प्रदूषित होने से कुछ हद तक रोका जा रहा है और शहर का सौन्दर्यीकरण भी किया जा रहा है।

कौन से हैं 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड


कोटा चंबल रिवर फ्रंट को अर्बन इंप्रुवमेंट ट्रस्ट (UTI) ने तैयार किया है। UTI का दावा है कि चंबल रिवर फ्रंट 1 या 2 नहीं बल्कि 4 विश्व रिकॉर्ड बना रहा है।


1. चंबल माता की मूर्ति - 
UTI के अधिकारियों का दावा है कि कोटा चंबल रिवर फ्रंट में दुनिया की पहली चंबल माता की मूर्ति स्थापित है। संगमरमर से बनी इस मूर्ति की ऊंचाई 242 फीट है। दावा किया जा रहा है कि मूर्ति के हाथ में एक कलश है, जिसमें से हर घंटे 7 लाख लीटर पानी गिरेगा। इसके लिए मूर्ति में 310 HP के 5 पंप लगाये गये हैं।



2. पं. नेहरु का फेसमास्क - 
आपने सुपर हीरो से लेकर कई तरह के फेसमास्क बाजार में देखे होंगे लेकिन गनमेटल से बना भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का विशालाकार फेसमास्क नहीं देखा होगा। काले रंग का यह फेसमास्क 12 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा है। दावा किया जा रहा है कि यह फेसमास्क अपने आप में दुनिया का एकलौता फेसमास्क है। रिवर फ्रंट के पश्चिमी छोर पर यह फेसमास्क रखा गया है। पं. नेहरु ने ही कोटा बैराज का लोकार्पण किया था।


3. नंदी घाट -
 चंबल रिवर फ्रंट के नंदी घाट पर भगवान शिव के वाहन नंदी की 20 फीट ऊंची और 15 फीट चौड़ी प्रतिमा स्थापित की गयी है। UTI के अधिकारियों का दावा है कि यह पत्थरों को जोड़कर नहीं बल्कि एक पत्थर को काट कर तैयार की गयी है। इस प्रतिमा का वजन 1 हजार टन है, जिसे जोधपुर पत्थर से बनाया गया है।

4. ब्रह्मा घाट की घंटी -
 ब्रह्मा घाट पर विशाल घंटा लगाया गया है जिसे 13 धातुओं के मिश्रण से बनाया गया है। इसका व्यास 8.5 मीटर और ऊंचाई 9.25 मीटर है। बिना किसी जोड़ के इस घंटे को सिंगल पीस कास्टिंग से तैयार किया गया है। दावा किया जा रहा है कि इस घंटे की आवाज 8 किमी दूर से ही सुनाई देगी। बताया जाता है कि इस घंटे को तैयार करने के लिए सभी धातुओं को 3000° सेल्सियस पर पिघलाया गया था जिसके लिए गुजरात से 35 विशेष भट्टियां मंगवाई गयी थी।
एक ही छत के नीचे 35 भट्टियां जलाना वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इस घंटे को 40 घंटों की नॉन-स्टॉप मेहनत के बाद तैयार किया गया। घंटा को बजाने के लिए दुनिया की सबसे विशाल बिना जोड़ वाला चेन तैयार किया गया है जिसकी लंबाई 6 मीटर और वजन 425 किलो है। इसे बनाने के लिए 2200 टन ग्रीन सिलिका सैंड का इस्तेमाल किया गया है।


0 Comments